हरिराम मीणा ऐतिहासिक उपन्यास धूणी तपे तीर से लोकप्रिय सेवानिवृत प्रशासनिक अधिकारी, विश्वविद्यालयों में विजिटिंग प्रोफ़ेसर और राजस्थान विश्वविद्यालय में शिक्षा दीक्षा ब्लॉग- http://harirammeena.blogspot.in 31, शिवशक्ति नगर, किंग्स रोड़, अजमेर हाई-वे, जयपुर-302019 दूरभाष- 94141-24101 ईमेल - hrmbms@yahoo.co.in फेसबुकी-संपर्क |
हरिराम मीणा-परिचय
- राजस्थान के जिला सवाईमाधोपुर के ग्राम बामनवास में 1 मई 1952 को जन्म। राजस्थान विश्व विद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर डिग्री। सेवानिवृत पुलिस महानिरीक्षक।
- अब तक दो कविता संकलन, एक प्रबंध काव्य, दो यात्रा वृतांत, एक उपन्यास, आदिवासी विमर्श की एक पुस्तक तथा समकालीन आदिवासी कविता (संपादित) प्रकाशित । विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं व दूरदर्शन से रचनाएं वार्ता आदि का प्रकाशन एवं प्रसारण।
- ‘युद्धरतआमआदमी’ के आदिवासी विशेषांकों में संपादन सहयोग तथा आदिवासी पत्रिका ‘अरावलीउद्घोष’ का सहसंपादन।
- जयपुर दूरदर्शन के ‘गश्त पर’ सीरियल में भूमिका एवं ‘रू ब रू’ सीरियल के लिए एवं ब्रिटिशकालीन आदिवासी संघर्षो पर विशेष शोध।
- भारतीय मिथकों के डिकोडीकरण एवं आदिवासी विषयों पर विषेष रूप से कार्यरत ।
- वन्य-जीव संरक्षण के लिए पद्मश्री सांखला अवार्ड, डा. अम्बेडकर राष्ट्रीय पुरस्कार’, राजस्थान साहित्य अकादमी का सर्वोच्च ‘मीरां पुरस्कार’, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान द्वारा महापण्डित राहुल सांकृत्यायन सम्मान एवं बिड़ला फ़ाउन्डेशन के बिहारी पुरस्कार से सम्मानित।
संप्रति-
- अध्यक्ष, अखिल भारतीय आदिवासी साहित्यिक मंच, नई दिल्ली
- निदेशक ,सोसाइटी फोर स्टडीज इन दा एरियाज ऑफ ट्रेडिशन एण्ड ह्यूमन डिगनिटी
- महामहिम राज्यपाल, राजस्थान के प्रतिनिधि, बोर्ड ऑफ मेनेजमेंट, जनजातीय विश्वविद्यालय, उदयपुर
- विजिटिंग प्रोफेसर, केंद्रीय विश्वविद्यालय, हैदराबाद
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