डॉ. गिरिराजशरण अग्रवाल
पूर्व रीडर एवं
अध्यक्ष,
स्नातकोत्तर
हिन्दी एवं
शोध विभाग,
वर्धमान स्नातकोत्तर
महाविद्यालय, बिजनौर (उ.प्र.)
(सन्नाटे में गूँज
(ग़ज़लें, 1987), नीली आँखें
और अन्य
एकांकी (1994), जिज्ञासा और अन्य कहानियाँ
(1994), बाबू झोलानाथ (व्यंग्य, 1994),
समय एक
नाटक (ललित
निबन्ध, 1994), बच्चों के शिक्षाप्रद नाटक
(1994), भीतर शोर बहुत है (ग़ज़लें,
1996), राजनीति में गिरगिटवाद (व्यंग्य, 1997), दंगे : क्यों और कैसे
(1996), विश्व आतंकवाद : क्यों और कैसे
(1997), हिंदी पत्रकारिता : विविध आयाम (1997); आओ
अतीत में
चलें (1998), मानवाधिकार : दशा और दिशा
(1998), ग़ज़ल और उसका व्याकरण (1999), मौसम बदल गया कितना
(ग़ज़लें 1999), बच्चों के हास्य-नाटक
(2000), बच्चों के रोचक नाटक (2000), ग्यारह
नुक्कड़ नाटक
(2000), नारी : कल और आज (2001), पर्यावरण
: दशा और
दिशा (2002), हिंसा : कैसा-कैसी (2003), रोशनी
बनकर जिओ
(ग़ज़लें, 2003); वादविवाद प्रतियागिता
: पक्ष और
विपक्ष (2004), मंचीय व्यंग्य एकांकी (2004), मेरे
इक्यावन व्यंग्य
(2005), शिकायत न करो तुम (ग़ज़लें,
2006), अक्षर हूं मैं (काव्य 2008), मेरी
हास्य-व्यंग्य
कविताएँ (2008), आदमी है कहाँ (ग़ज़ल
संग्रह 2010)
लगभग 40 वर्ष तक
विश्व्विद्यालय कालेज में अध्यापन किया।
ग़ज़ल, एकांकी,
हास्यव्यंग्य, समीक्षा, कविता, कहानी, ललित
निबंध आदि
विधाओं में
150 से अधिक
पुस्तकों का
प्रकाशन हुआ
है। मुख्य
पुस्तकें : सन्नाटे में गूँज, भीतर
शोर बहुत
है, मौसम
बदल गया
कितना, रोशनी
बनकर जिओ,
शिकायत न
करो तुम
(ग़ज़लें), बाबू झोलानाथ, राजनीति में
गिरगिटवाद, मेरे इक्यावन व्यंग्य, समय
एक नाटक
(ललित निबंध),
बच्चों के
शिक्षाप्रद नाटक, दंगे: क्यों और
कैसे, विश्व
आतंकवाद : क्यों और कैसे, आओ
अतीत में
चलें, मानवाधिकार
: दशा और
दिशा, ग्यारह
नुक्कड़ नाटक,
नारी : कल
और आज,
पर्यावरण : दशा और दिशा, हिंसा
: कैसा-कैसी,
मंचीय व्यंग्य
एकांकी, अक्षर
हूँ मैं
(काव्य), मेरी
हास्य-व्यंग्य
कविताएँ, देश
और विदेश
के अनेक
विश्वविद्यालयों में मेरे साहित्य पर
15 से अधिक
छात्रों को
पीएचडी की
उपाधि प्राप्त
हो चुकी
है.अनेक
सम्मान और
पुरस्कारों में मुख्य हैं : उत्तर
प्रदेश हिन्दी
संस्थान का
सूर पुरस्कार,
उत्तर प्रदेश
हिन्दी संस्थान
का साहित्य
भूषण 2008, केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय मानव
संसाधन विकास
मंत्रालय का
एक लाख
रुपए का
'शिक्षा' पुरस्कार
2008, 'शोध दिशा' त्रैमासिक के प्रधान
सम्पादक, देश
और विदेश
के विश्वविद्यालयों
में हिन्दी
विषय में
सम्पन्न शोध
कार्यों की
वर्गीकृत विवरणिकाएं
पाँच खंडों
में 'शोध
सन्दर्भ' के
नाम से
प्रकाशित।
प्रमुख दायित्व
पत्रकारिता : प्रधान संपादक 'शोध दिशा' (त्रैमासिक)।
विशिष्ट प्रतिनिधि (बिजनौर एवं दिल्ली) चिंगारी (हिंदी दैनिक)।
संरक्षक, उ.प्र. श्रमजीवी पत्रकार यूनियन (पंजीकृत), शाखा बिजनौर।
संस्था-संबद्धता : सचिव, हिंदी साहित्य निकेतन, बिजनौर।
निदेशक, शोध संस्थान बिजनौर।
पूर्व मंडलाध्यक्ष, रोटरी अंतर्राष्ट्रीय मंडल 3100 (2001-2002)
चेयरमैन, मंडलीय पोलियो प्लस समिति, रोटरी मंडल 3100 (2002-2003)
मंत्री, जिला अपराध निरोधक कमेटी, बिजनौर।
सदस्य, जिला मानवाधिकार समिति, बिजनौर।
अध्यक्ष, के.एल. बाल उपवन (बाल शिक्षण संस्थान) बिजनौर।
सदस्य, भारतीय हिंदी परिषद् इलाहाबाद (उ.प्र.)।
आजीवन सदस्य, अखिल भारतीय हिंदी प्रकाशक संघ, दिल्ली।
पूर्व उपाध्यक्ष एवं सदस्य, इंटरनेशनल गुडविल सोसायटी आफ इंडिया, बिजनौर चैप्टर।
पूर्व सचिव, काका हाथरसी हास्य पुरस्कार ट्रस्ट, हाथरस (उ.प्र)
नमस्कार,अगर इस जीवन परिचय में आपको कोई कमी या कोइ नई बात जोड़नी/घटानी हो तो अछुती इस पेज का लिंक विषय लिखते हुए हमें इस पते पर ई-मेल करिएगा.ताकी हम इसे अपडेट कर सकें-सम्पादक
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