कमलानाथ
(जन्म 1946) की कहानियां आंचलिक सुगंध लिए हुए तो होती ही
हैं, वे समसामयिक विवशताओं और विडंबनाओं की भी मार्मिक तस्वीर खींचती हैं. उनके
व्यंग्य साहित्यिक ढकोसलों, सामाजिक चोंचलेबाज़ियों, राजनैतिक चालों, सरकारी
योजनाओं आदि पर बखूबी चुटकी लेते हैं. कमलानाथ की कहानियां और
व्यंग्य ‘60 के दशक से विभिन्न पत्रिकाओं जैसे मधुमती, साप्ताहिक हिंदुस्तान, धर्मयुग, वातायन, राजस्थान पत्रिका, लहर, जलसा आदि
में छपते रहे हैं. वेदों, उपनिषदों आदि में जल, पर्यावरण, परिस्थिति विज्ञान
सम्बन्धी उनके हिंदी और अंग्रेज़ी में लेख पत्रिकाओं, अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों व विश्वकोशों में छपे और चर्चित हुए हैं.
कमलानाथ पेशे से
इंजीनियर हैं तथा सिविल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर, भारत सरकार के उद्यम
एन.एच.पी.सी. में मुख्य अभियंता एवं जलविज्ञान विभागाध्यक्ष, और अंतर्राष्ट्रीय सिंचाई
आयोग (आई.सी.आई.डी.) के सचिव के पदों पर रह चुके हैं. जलविद्युत अभियांत्रिकी पर
उनकी पुस्तक देश विदेश में बहुचर्चित है तथा उनके अनेक तकनीकी लेख आदि विभिन्न
राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं व सम्मेलनों में प्रकाशित/प्रस्तुत होते रहे
हैं. वे 1976-77 में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में जल-प्रबंधन में फ़ोर्ड फ़ाउन्डेशन फ़ैलो रह
चुके हैं. विश्व खाद्य सुरक्षा और जल अभियांत्रिकी में उनके योगदान के लिए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय
सम्मान भी मिल चुके हैं.वर्तमान में कमलानाथ
जलविज्ञान व जलविद्युत अभियांत्रिकी में सलाहकार हैं.
"2015 में कमलानाथ का नया व्यंग्य संग्रह ‘साहित्य का ध्वनि तत्त्व उर्फ़ साहित्यिक बिग बैंग’ अयन प्रकाशन, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित हुआ है तथा एक कहानी संग्रह प्रकाशनाधीन है।"
"2015 में कमलानाथ का नया व्यंग्य संग्रह ‘साहित्य का ध्वनि तत्त्व उर्फ़ साहित्यिक बिग बैंग’ अयन प्रकाशन, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित हुआ है तथा एक कहानी संग्रह प्रकाशनाधीन है।"
पता:
कमलानाथ
8263, बी/XI, नेल्सन मंडेला मार्ग
वसंत कुंज, नई दिल्ली-110 070
ई-मेल: er.kamlanath@gmail.com
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